हमारे देश में आज भी ज्यादातर लोग पूर्ण रूप से शिक्षित नहीं है। जिसके कारण आज भी हमारे देश की गिनती दुनियाँ के पिछड़े देशों में की जाती है। जब तक सभी लोग शिक्षित नहीं होंगे तब तक देश का विकास संभव नहीं है। यदि हमे अपने देश को विकसित देशों की श्रेणी में लाना है तो हमें शिक्षा का सर्वभौमीकरण करना होगा। शिक्षा ही एकमात्र ऐसा साधन है जिसके द्वारा हम स्वंम को तथा अपने देश को उन्नति की रह पर ले जा सकते है। आज शिक्षा के महत्व को सभी लोग भली भांति जानते है। बिना शिक्षा के मनुष्य पशुओं के समान होता है। बिना शिक्षा के व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में कोई काम नहीं कर सकता है। अशिक्षित लोगों को हमेशा ही दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। जिसके कारण अशिक्षित लोगों का काफी शोषण भी होता है। कई बार तो उन्हें अपनी मजदूरी के पुरे पैसे भी नहीं दिए जाते। क्योकि अशिक्षित होने के कारण उन्हें हिसाब लगाना नहीं आता। अशिक्षित व्यक्ति जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर सकता है। अशिक्षा के समाज व देश पर बहुत से बुरे प्रभाव पड़ते है। जिनका वर्णन करना भी मुश्किल है। अशिक्षा हमारे समाज व देश के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। हमारे देश में अशिक्षा के बहुत से कारण है। इन कारणों में से एक प्रमुख कारण निर्धनता है। निर्धनता के कारण बहुत से योग्य बच्चे शिक्षा हांसिल करने से वंचित रह जाते है। हरियाणा सरकार के हरियाणा भवन तथा अन्य निर्माण संकर्म कर्मकार बोर्ड की तरफ से निर्धनता की समस्या को दूर करने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है। हरियाणा सरकार द्वारा एक ऐसी ही योजना चलाई जा रही है। जिसका नाम शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता (योजना ) है। जिसके अंतर्गत निर्धन परिवारों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। तो आज हम आपको इस योजना के विषय में सारी महत्वपूर्ण जानकारियां दे रहें है। अतः आपसे निवेदन है कि आप इस पोस्ट में दी गई जानकारी को ध्यानपर्वक पढ़ें तथा दूसरे लोगों के साथ इस जानकारी को साँझा करे। ताकि कोई भी योग्य छात्र निर्धनता के कारण शिक्षा से वंचित न हो जाए तो आइए जानते है इस योजना की महत्वपूर्ण जानकारियां :-
शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता (योजना ) की पात्रता :-
1 पंजीकृत कर्मकार की नियमित सदस्यता कम से कम एक वर्ष होनी चाहिए।
2 इस योजना का लाभ केवल तीन मादा और दो नर बच्चों तक भुगतानयोग्य है।
3 व्यावसायिक कोर्सों को जारी रखने के लिए वित्तीय सहायता ,दाखिला फीस की प्रतिपूर्ति को छोड़कर,राजकीय संस्था को प्रत्यक्ष रूप से भुगतान की जाएगी।
4 निजी संस्थाओं में अध्ययन करने वाले छात्रों के दावे आवेदन किसी एक अधिकारी अर्थात उप-श्रम आयुक्त ,तहसीलदार , नायब तहसीलदार ,जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ,जिला शिक्षा अधिकारी , खण्ड प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ,खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाएगा।
शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता (योजना )के लाभ :-
1 प्रथम वर्ष के लिए कम से कम रू0 8,000 /-और अधिकतम रू0 20,000 /- तक (स्नातकोत्तर )
2 मैट्रिककुलेशन परीक्षा में प्राप्त प्रतिशतता के आधार पर सावधि जमा के रूप में रू0 21000 से रू0 51,000 /- तक।
3 व्यावसायिक / तकनीकी कोर्सों के सभी शैक्षणिक खर्च।
4 अधिकतम रू0 1,20,000 /-तक छात्रावास खर्च।
शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता (योजना ) के लिए आवश्यक दस्तावेज :-
1 उत्तीर्ण की गई परीक्षा की अंकतालिका की प्रति।
2 नई कक्षा का प्रवेश प्रमाण पत्र।
शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता (योजना ) के लिए आवेदन:-
शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता (योजना ) के लिए फॉर्म खुद https://saralharyana.gov.in/ पर Apply कर सकते हैं या अपने किसी भी नजदीकी सीएससी सेन्टर पर जाकर भरवा करवा सकते हैं। इसके के बारे में कोई भी सवाल या जानकारी लेना चाहते हैं तो Comment करके पूछ ले सकते हैं। हमें आपकी मदद करके ख़ुशी होगी। आपने इस पोस्ट को बड़े ध्यान से पढ़ा इसके लिये आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।