महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता क्यों माना जाता है? । 2 अक्टूबर गाँधी जयंती पर विशेष

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हमारे देश में गाँधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है इस दिन सारा देश महात्मा गाँधी एवं उनके सिद्धांतों को याद करता है महात्मा गाँधी  को लोग  बहुत सारे नामों से जानते है जैसे कि बापू ,राष्ट्रपिता ,महात्मा आदि  महात्मा गाँधी जी भारतीय आंदोलनों के प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे गाँधी जी ने अपने सिद्धन्तों को अंग्रेजों के विरुद्ध एक शस्त्र के रूप में इस्तेमाल किया गाँधी जी ने भारत के लोगों को अपने नागरिक अधिकारों तथा स्वतंत्रता के प्रति आंदोलनों के लिए प्रेरित किया गाँधी जी ने देश को आजादी दिलवाने के लिए बहुत सारे आन्दोलन चलाए इन आन्दोलनों में देश की जनता ने भी गाँधी जी का तन,मन धन से पूरा सहयोग किया जिसके कारण अंग्रेजी प्रशासन की जड़ें भी हिल गई थी इस प्रकार महात्मा गाँधी जी के अथक प्रयासों के परिणाम स्वरूप अंग्रेज भारत छोड़ने पर विवश हो गए और उन्होने 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता प्रदान कर दी अतः हम स्पष्ट रूप से कह सकते है की देश को आजाद करवाने में गाँधी जी ने विशेष भूमिका निभाई है तो इस पोस्ट में हम आपको  महात्मा गाँधी जी के विषय में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां बता रहे है।

महात्मा गाँधी का जीवन परिचय

महात्मा गाँधी जी का पूरा नाम मोहन दास करमचंद गाँधी है  इनका जन्म पश्चिमी भारत के गुजरात राज्य के तटीय नगर पोरबंदर नामक स्थान पर 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी था तथा वे सनातन धर्म की पंसारी जाति से सम्बन्ध रखते थे ये उस समय पोरबंदर रियासत के प्रधानमंत्री थे महात्मा गाँधी जी की माता का नाम पुतलीबाई परनामी था जो वैश्य समुदाय से संबध रखती थी ये एक धार्मिक औरत थी जिसके कारण गाँधी जी को बचपन से ही धार्मिक वातावरण प्राप्त हो गया था जिनका प्रभाव इनके व्यक्तित्व पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है उस समय देश में बाल-विवाह का प्रचलन था जिसके कारण गाँधी जी का विवाह भी उनकी बाल्यावस्था मात्र साढ़े तेरह साल की आयु में हो गया था इनकी पत्नी का नाम कस्तूर बाई मकनजी था विवाह के समय इनकी आयु 14 वर्ष की थी महात्मा गाँधी जी और कस्तूर बाई मकनजी के 4 बेटे हुए थे जिनके नाम इस प्रकार है सबसे बड़ा बेटा हरिलाल लाल गाँधी ,मणिलाल गाँधी ,रामदास गाँधी ,और देवदास गाँधी थे

महात्मा गाँधी की शिक्षा

महात्मा गाँधी जी ने अपनी आरंभिक शिक्षा पोरबंदर में पूरी की इसके बाद इन्होने राजकोट से हाई स्कूल की शिक्षा प्राप्त की दोनों परीक्षाओं के शैक्षणिक स्तर पर गाँधी जी एक साधारण छात्र थे 10 वीं की परीक्षा के बाद की परीक्षायें इन्होने भावनगर के शामलदास कॉलेज से उत्तीर्ण की लेकिन इस समय वे खुश नहीं थे क्योंकि उनका परिवार चाहता था कि वे बैरिस्टर बने 4 सितम्बर 1888 को गांधी जी बैरिस्टर बनने के लिए इंग्लैंड चले गए और वहां यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लन्दन में अपनी शिक्षा पूरी की  इसके बाद इंग्लैंड और वेल्स बार एसोशियन में वापस बुलावे पर वे भारत लौट आये।

महात्मा गाँधी जी के सिद्धान्त

महात्मा गाँधी बचपन से ही धार्मिक पर्वर्ती के रहे है इसलिए इन्होने अपने आपको अनुसाशित  रखा और कुछ सिद्धांतों का पालन भी किया इन्ही सिद्धांतों के बल पर गाँधी जी ने देश को आजादी दिलवाई  महात्मा गाँधी के सिद्धान्त इस प्रकार से है सत्य ,अहिंसा ,शाकाहारी भोजन ,ब्रह्मचार्य ,सादगी और विश्वास है।

महात्मा गाँधी की हत्या

जब वे नई दिल्ली के बिरला हाऊस के मैदान में चहलकदमी कर रहे थे तब नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी  नाथूराम गोडसे हिन्दू राष्ट्रवादी थे तथा उनके कटटरपंथी हिंदूमहासभा के साथ घनिष्ठ संबंध थे हिंदूमहासभा के अनुसार गाँधी जी ने पाकिस्तान को 55 करोड़ रूपये दिलवाकर भारत को आर्थिक रूप से कमजोर बनाया है  नाथूराम गोडसे और उनके सह षड्यंत्रकारी नारायण आप्टे को केस चला कर सजा सुनाई गई तथा 15 नवम्बर 1948 को फांसी की सजा दे दी गई।

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