आज हमारे देश में श्रमिक वर्ग की हालत बहुत ही दयनीय है। दिन- रात कठिन परिश्रम करने के बाद भी श्रमिक अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की भी पूर्ति नहीं कर पता है। जिसके परिणाम स्वरूप उसका पूरा जीवन गरीबी में व्यतीत होता है। श्रमिक को केवल अपने बच्चों का ही सहारा होता है। उसे अपने बच्चों से उम्मीद होती है कि बच्चे बड़े हो कर उसका सहारा बनेंगे। यदि ऐसे में श्रमिक का कोई बच्चा किसी कारणवश अपाहिज या अपंग हो जाए तो श्रमिक और उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है। माता -पिता के लिए अपने बच्चे को दुख या तकलीफ में देखना कितना मुश्किल होता है। इसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते है। श्रमिक निर्धनता के कारण उसका इलाज करवाने में भी असमर्थ होता है। इलाज न होने के कारण बच्चे जीवन भर के लिए अपंग ही रह जाते है। अपनी अपंगता के कारन ये बच्चे कोई भी काम नहीं कर सकते है। ऐसे बच्चों को जीवन यापन करने के लिए दूसरे व्यक्तियों की दया पर निर्भर रहना पड़ता है। कभी -कभी इन बच्चों को अपना पेट भरने के लिए भीख भी मांगनी पड़ जाती है। हरियाणा सरकार श्रमिक वर्ग की इस स्थिति को देखते हुए श्रमिक के अपंग तथा अपाहिज बच्चों के जीवन यापन के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर है। हरियाणा सरकार निशक्त बच्चों के लिए वित्तीय सहायता (योजना )के अंतर्गत श्रमिक वर्ग के ऐसे बच्चों के लिए प्रतिमास आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। ताकि अपंग या अपाहिज बच्चों को किसी पर निर्भर ना रहना पड़े। आज हम इस पोस्ट में आपको निशक्त बच्चों के लिए वित्तीय सहायता (योजना )के विषय में सारी जानकारी देंगे। अतः आप इस पोस्ट में दी गई जानकारी को ध्यानपर्वक पढ़ें तथा इस जानकारी को अन्य लोगों के साथ भी शेयर करें। ताकि कोई भी अपंग या अपाहिज बच्चा इस योजना के लाभ से वंचित न रह जाए। तो आइए इस योजना के विषय में विस्तार से जानते है।
निशक्त बच्चों के लिए वित्तीय सहायता (योजना )की पात्रता :-
1 पंजीकृत कर्मकार की एक वर्ष की नियमित सदस्यता।
2 कर्मकार जिला चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी किये गये उसके आश्रित बच्चों का 50 प्रतिशत या अधिक शारीरिक या मानसिक निशक्तता का निशक्तता
प्रमाण पत्र अपलोड करेगा।
3 आश्रित बच्चों के नाम राशन कार्ड में शामिल करवाए जाए।
4 कर्मकार शपथ पत्र अपलोड करेगा कि उसने अपने आश्रित बच्चों के लिए हरियाणा सरकार के किसी विभाग /बोर्ड /निगम से चालू वित्तीय वर्ष में योजना
का लाभ प्राप्त नहीं किया है।
5 कर्मकार प्रत्येक वर्ष आश्रित बालक ला जीवित प्रमाण -पत्र प्रस्तुत /अपलोड करेगा।
6 कर्मकार वचन देगा कि आश्रित बालक का कोई आय का साधन नहीं है और बालक अविवाहित है।
निशक्त बच्चों के लिए वित्तीय सहायता (योजना)के लाभ :-
1 प्रतिमास रू0 2000 /-की वित्तीय सहायता चिकित्सा प्राधिकारियों द्वारा जारी किये गए निशक्तता प्रमाण -पत्र के आधार पर बोर्ड द्वारा लाभार्थी को
उपलब्ध करवाई जाएगी।
निशक्त बच्चों के लिए वित्तीय सहायता (योजना ) के लिए आवश्यक दस्तावेज :-
1 पहचान /नागरिकता का सबूत :आधार कार्ड
2 राजकीय चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी किया गया निशक्तता प्रमाण -पत्र।
निशक्त बच्चों के लिए वित्तीय सहायता (योजना ) के लिए आवेदन:-
निशक्त बच्चों के लिए वित्तीय सहायता (योजना ) के लिए फॉर्म खुद https://saralharyana.gov.in/ पर Apply कर सकते हैं या अपने किसी भी नजदीकी सीएससी सेन्टर पर जाकर भरवा करवा सकते हैं। इसके के बारे में कोई भी सवाल या जानकारी लेना चाहते हैं तो Comment करके पूछ ले सकते हैं। हमें आपकी मदद करके ख़ुशी होगी। आपने इस पोस्ट को बड़े ध्यान से पढ़ा इसके लिये आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।